रविवार, 16 नवंबर 2008

फिर वही सब कुछ

लो फिर आ गए चुनावों के दिन .वादों के दिन ठगने के दिन ठगाने के दिन .फिर वही आचार संहिता की तलवार लटकाई जायेगी चलायी नही जायेगी .टिकेट बेचने खरीदने के दिन .जात के आधार पर वोट मांगने के दिन ,धर्म के आधार पर वोट छिनने के दिन.वोही गला फाड़ कर नारे लगाने के दिन ,पोस्टरों और बैनर से diwaal पाट देने के दिन हेलीकॉप्टर देखने जुटी भीड़ को समर्थक मान लिया जाएगा .नक्साली अपना वोट वहिसकार का फतवा जारी करेंगे .ब्लास्ट में न जाने कितने पुलिस और मतदान कर्मी मारे जायेंगे .गाड़ियों का टोटा पड़ जाएगा स्कूल कॉलेज बंद अफरा तफरी का माहौल ..टीवी पर वही विश्लेसन वही परिणाम इन्ही में से कोई जीतेगा या तो जात पार्टी ,या धर्म पार्टी सेठों या विदेशी पैसों की सहायता से फिर वही राज काज के पुराने ढंग वही महंगाई वही ब्लास्ट सब वही ..तो क्यों ये चुनाव का नाटक किया जाता है क्यों नहीं कांग्रेस बीजेपी सीपीएम सी पि आई समाजवादी बीएसपी राजद आदि आदि मिल कर सरकार चलाते हैं इससे चुनाव का खर्चा तो बच जाएगा

1 टिप्पणियाँ:

Blogger prabhat ranjan ने कहा…

आपके ब्लॉग की यात्रा ज्ञानवर्धक तथा विचारोत्तेजक लगी.

8 सितंबर 2010 को 9:18 am बजे

 

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