रविवार, 14 सितंबर 2008

पीतर-पक्षः

आज से पित्र-पक्षः शुरू हो गया है .अपने पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए लोग पिंड दान करते हैं .खासकर गया (बिहार) में देश विदेश से लोग जुटते हैं और फल्गु नदी के किनारे विष्णुपद मन्दिर के निकट पिंड दान अर्पित करते हैं .मान्यता है की यहाँ पिंड दान करने से आत्मा को मुक्ति मिल जाती है ,कहा जाता है की यहाँ श्री राम ने भी महाराजा दशरथ का पिंड दान किया था .यह महान परम्परा है .परन्तु हकीकत क्या है ?मन्दिर के बाहर सैकडों बूढे बुढियां भीख मांगते मिल जायेंगे ,जिन्हें उनके बाल बच्चों ने बेघर कर दिया है .हम मरने वालों के लिए खूब दान करते हैं परन्तु जो जिन्दा हैं उनसे बात तक नही करते और या तो हॉस्पिटल में भरती करा देते हैं या फिर ओल्ड होम में फ़ेंक आते हैं ."जिन्दा रहे तो लठम -लठा मरे तो ले गए काशी" जो जिन्दा हैं हम उनकी सही ढंग से देखभाल करे तो हमारे पीतर ऐसे ही प्रसन्न हो जायेंगे

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