शुक्रवार, 19 सितंबर 2008

आज का विचार:आराम करने का आनंद तभी है जब आपके पास इसके लिए समय नही हो

आज हमारे देश में क्रिकेट खिलाड़ियों को भगवान और क्रिकेट को पूजा समझा जाता है । क्रिकेट मैच हो तो सड़को पर सन्नाटा पसर जाता है ,ऑफिस ,स्कूल.,कॉलेज में उपस्थिति कम जाती है ,और जीत गए तो पटाखे हार गए तो ऐसा मातम मनता है मानो किसी सगे की मौत हो गयी हो. हम ये भूल जाते हैं की क्रिकेट सिर्फ़ उन्ही देशों में खेला जाता है जो देश अंग्रेजों के गुलाम थे जैसे...भारत,पाकिस्तान,ऑस्ट्रेलिया,साउथ अफ्रीका ....कोई भी विकसित देश इसे नही खेलता जैसे....अमेरिका,जापान,चीन,रूस,,मगर हम तो पागल हो गए हैं अपने पारंपरिक खेल होंकी को भूल चुके हैं .क्रिकेट एक कैंसर है जिसने सारे देसी खेलों को निगल लिया है और अब तो आई .पि.एल.के आने के बाद ये सबसे बड़ा व्यापार हो गया है .सरकार भी इस पर मेहरबान है ,बड़े-बड़े नेता इस खेल से जुड़ना गर्व की बात मानते हैं .क्या कोई हमारे देशी खेलों की सुध लेगा ?

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