दहेज़
बेटीयों के बाप को हमेशा ये लगता है की कोई चमत्कार हो जाएगा और बीना दहेज़ के उनकी बेटी की शादी हो जायेगी. .परन्तु जब वे अनगीनत वैवाहीक ads के आधार पर तलाश शुरू करते हैं तो पता चलता है की उनकी बेटी के संस्कार ,गुन ,और पढ़ाई का कोई मोल नही है .लम्बाई गोराई के बाद सीधे बात लेनदेन पर आ जाती है .अब आज शहर में घर .टीवी फ्रीज तो सबको चाहिए ,३ बेड रूम फ्लैट ,ए.सी ,बड़ी कार ,ddamas का डायमंड सेट ,5star में रेसेप्शन ,वीदेश में हनीमून ,नई सूची है जिसे पुरा करते करते आप ख़ुद बीक जाएँ तो उनका क्या ,बेटी आपकी है तो खर्च कोन करेगा .अब आपकी बेटी भी इंजिनियर या डॉक्टर है तो क्या हुआ, है तो बेटी ही ,द्वीतीय दर्जे की नागरीक .हम चाँद पे चले जायें ,पाताल को खोद डालें ,लेकीन इस दहेज़ का कुछ नही बिगाड़ सकते .बड़े लोगों में ये झमेला नही है ,वहां सब चलता है लेकीन समस्या middle क्लास में ही है ,जहाँ पैसे हैं नही और इज्जत ढोना मजबूरी है .